लघु व्यंग्य कथा- परिवर्तन
"मुझे तो कमाऊ पति चाहिए ।भले वह मुझसे कितना ही कम पढ़ा -लिखा हो ।" उसने सहेली से चर्चा के दौरान कहा ।
"क्या कह रही है तू इतनी पढ़ी-लिखी है और तेरी सोच इतनी छोटी ...।" सहेली ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा ।
" सोच छोटी नहीं बड़ी है ।जिस देश में इंजीनियर ,पी.एच.डी. जैसी डिग्रीधारी लोग पटवारी ,चपरासी की पोस्ट के लिए आवेदन करने लगें तो ऐसी दशा में पढ़े-लिखे बेरोजगार से भला कम पढ़ा-लिखा कमाऊं पति बेहतर है । ठीक कहा न ....।"
सहेली सोच पड़ गयी क़ि क्या कहे ....।
सुनील कुमार सजल
"मुझे तो कमाऊ पति चाहिए ।भले वह मुझसे कितना ही कम पढ़ा -लिखा हो ।" उसने सहेली से चर्चा के दौरान कहा ।
"क्या कह रही है तू इतनी पढ़ी-लिखी है और तेरी सोच इतनी छोटी ...।" सहेली ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा ।
" सोच छोटी नहीं बड़ी है ।जिस देश में इंजीनियर ,पी.एच.डी. जैसी डिग्रीधारी लोग पटवारी ,चपरासी की पोस्ट के लिए आवेदन करने लगें तो ऐसी दशा में पढ़े-लिखे बेरोजगार से भला कम पढ़ा-लिखा कमाऊं पति बेहतर है । ठीक कहा न ....।"
सहेली सोच पड़ गयी क़ि क्या कहे ....।
सुनील कुमार सजल