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मंगलवार, 30 जनवरी 2018

लघुकथा- फर्क

 लघुकथा-फर्क
एक होटल में पुलिस का छापा पड़ा  ।छापेमारी के दौरान पुलिस ने चार जोड़ों को गिरफ्तार किया । वे सब रईस खानदान से थे ।
छापामार टीम  एक सिपाही -"ये हाल है रईसों की बिगड़ैल औलादों का ।मर्यादा न आबरू की चिंता ...।"
"ये तो इनका फैशन भी है और शौक भी दोस्त ।"दूसरे सिपाही का तर्क ।

"देखो इनके चेहरे पर ज़रा भी सिकन नहीं ..।"
" सिकन तो बड़े साहब के चेहरे पर आ गयी है ।फोन पर फोन आ रहे हैं । कह रहे थे ।गलत जगह हाथ डाल दिए.... यार।"