व्यंग्य – उनके नयना
अभी तक तो हमें पता नहीं था कि उनके नयना भी दगाबाजों
में से एक हैं |वरना हम खुद
घमंड में चूर थे
किदगाबाजी में हम सबसे बड़े हैं |वो तो हमें आज पता चला था की उनके नयना भी दगाबाजी
करते हैं |वो तो अच्छा हुआ पागलों की तरह शक्ल लिए एक प्रेमी साब मिल गए |-‘’ वे
बताने लगे ‘’उनके नयना को क्या कहें बड़े दगाबाज हैं |हम तो सिर्फ़ उनके नयनो को ताकते रहते अगर दिख जाएँ तो |मगर
कमबख्त पत्थर दिल नयना हैं की हमारी और
देखते तक नहीं |हम आज पछताते हैं | क्यों वे एक बार हमें टकटकी लगाकर देख गेट | तब
से बचें हैं हम |एक बार हमारे नयनों ने
हमें समझाया क्या पागलों की तरह हमें उनके नयनों को ताकने के लिए मजबूर करतें हैं |तनिक सोचो नयनों से ये
करने के लिए शक्ल व् सीरत की आवश्यकता होती है है |वो दोनों चीज तुम्हारे पास नहीं
हैं|हम भी करें बेशरमों की भाँती दिल नयनों को ताकने के लिए मजबूर रहते हैं |गाते फिरते
हैं `-बड़े दगाबाज रे ....तोरे नयना ..|’
यार
ये नयना भी अजीब चीज हैं | आदमी की जुबान दगाबाजी की किस्से सुने हैं |पर अब
नयना..भी |जबसे सूना है नयना भी दगाबाज होते हैं नींद हराम हो गयी है |कहीं ऐसा तो नहीं की लेखको/कवियों ने उनके नयनों की
ज्यादा तारीफ़ कर दी हो |इसलिए वे घमंड में चूर होकर दगाबाजी में उतर आए हों |या
फिर फिल्म निर्माताओं ने ज्यादा महत्त्व दे दिया हो अपनी फिल्मों में |
हमारे जी में आया उस लड़की को सजा मिले |
जिनके नयना दगाबाज हैं और हम जिनकी
दगाबाजी झेल रहें हैं |पर अन्दर के साहस ने जवाब दे दिया |कहीं झिड़क न दे |
उस लड़की के ही नयना
दगाबाज हैं या एनी लड़कियों के भी जिनकी और हमने कभी नजर उठाकर भी नहीं देखा |कवियों
ने अपनी कविताओं में उनके नयनों को दगाबाज बताया है |क्या वे भी उनके नयनों के
शिकार हुए या यूँ ही लिख मारे अपनी प्रसंशा पाने के लिए | सवाल पर सवाल पर उठ रहे
हैं मन में | हो सकता है रंजिश वश भी हो एसा लिखना |
एक दिन हमारे मित्र ने हमें समझाया –‘’ यार
तुम उनके नयनों के पीछे क्यों पड़े हो ?और भी तो लड़कियां हैं जिनके नयना ख़ूबसूरत
हैं |’’
‘’ यार उनके नयना में जो विशेसता है वह एनी
में नहीं है |’’ ‘’ यार दुनिया में निकल कर देखो | उससे भी बेहतरीन नयन मिलेंगे
|जिनके लिए शायरों ने शायरी यान लिखकर जान कुरबान कर दी |
हम उन्हें कैसे समझाते कि जब दिल लग जाता है
मेंढकी से तो वह भी किसी पारी से कम खूबसूरत नजर नहीं आती |
वैसे वह लड़की ऐसी तो नहीं लगाती वह दगाबाज है |
मोहल्ले में उसके चर्चे भी आम नहीं है |अब अगर उसके नयना ही दगाबाज निकल गए तो
लड़की क्या करे |
सुनील कुमार ‘’सजल’’
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