रविवार, 5 जुलाई 2015

व्यंग्य - परीक्षा का बूस्टर


व्यंग्य - परीक्षा का बूस्टर 


साब ,इन दिनों सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम को लेकर शासन -प्रशासन में चिंता व्याप्त है। परिणाम अच्छा करने के लिए किस्म-किस्म के अभियान। किस्म -किस्म के आयोजन। तरह के प्रश्न बैंक उपलब्ध जा रहे हैं। स्कूलों को। ताकि शिक्षक काबिल बनें। छात्रों को काबिल बनाये। 

चाहे जैसे भी हो। परिणाम सुधरे। स्कूलों के डंडा पटको। नियम कानून व कार्यवाहियों के। 
चलो मान लेते हैं। ऐसा करने से थोड़ा बहुत परिणाम सुधर भी जाता है। शासन -प्रशासन पूरी की तरह फूल कर जायेंगे। परीक्षा परिणाम में वृद्धि हुई। 
शासन परिणाम सुधारने हेतु किस्म -किस्म के विषयों के मास्टर ट्रेनर्स तैयार कर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिल रहा है ट्रेनिंग ऑन स्कूल करावा रहा है। ताकि शिक्षक पढ़ाएं व छात्रों में पढने की ललक जागे। ऐसे ही एक ट्रेनर्स उनके स्कूल में आये। वे माइंड पावर पर ट्रेनिंग वाले ट्रेनर्स थे। ताकि छात्रों में याद करने की व सीखने की क्षमता में वृद्धि हो। वे दे गए तरह -तरह के माइंड पॉवर टिप्स 
साब, आप जानते ही हैं ,आजकल कितने प्रतिशत छात्र अध्ययन में रूचि दिखाते हैं।कुछ को तो गांधी मार्ग पर पर खड़े होकर कन्याओं को ताकने से फ़ुरसत नहीं मिलती। एक तरफ़ा प्यार का उबाल होता है उनके अंदर। एक झलक उनकी चहेती दिख जाए सुबह -सुबह। सारा दिन एनर्जिक होता है.
आजकल ज्यादातर प्यार एक तरफ़ ही चल रहें हैं साहब। उन माइंड पावर के ट्रेनर्स ने एक टिप्स दिया था। माइंड को संदेश देकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इसी बीच पूछा था -' हमें क्या करना होगा।'ट्रेनर ने कहा था -'इसके लिए सबसे पसंद के कलर पेन से लक्ष्यों की लिस्ट बनाइये। ऐसे स्थान पर लगाइये जहां तुम्हारी नजर सबसे ज्यादा पड़ती है। ताकि ज्यादा बार देख सके ,पढ़ सके और मन ही मन आग्रह करो कि वह लक्ष्य हमें मिल जाये। यह क्रम लगातार कई दिनों तक अपनाइये। निश्चित ही सफलता मिलती हुई देगी। '
साब ,ट्रेनर साब की सीख तो अच्छी थी और मकसद भी। पर मनचले ,दीवानों के लिए और भी अच्छा था।कारण कि उनके लिए शिक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण उनकी प्रेमिका थी। 
सो वे एक सुन्दर पेपर पर सुन्दर अक्षरों में प्रेमिका का नाम व मोबाईल नंबर सजा कर अपनी कॉपी में रख लिए। वे उसे दिन में दर्जन भर बार से अधिक देखते व पढ़ते हैं। 
ट्रेनर की सीख यह भी थी। जिस दिशा में लक्ष्य प्राप्त करना होता है। उधर मेहनत भी आवश्यक है। सो तथाकथित प्रेमी भाई कन्याओं की गलियों में भी चक्कर भी लगाते दिख जाते हैं। 
साब वे तो लक्ष्य प्राप्ति पर व्यस्त हैं। ट्रेनर साब के टिप्स कितनी सफलता दिलाएंगे। यह तो बताएगा। फिलहाल तो शासन-प्रशासन परीक्षा परिणाम अच्छा आने के सपने संजोये बैठे हैं। देखते है किसका लक्ष्य किस दशा में फिट बैठता है। 

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