मंगलवार, 13 सितंबर 2016

लघुव्यंग्य – कष्ट के पीछे

लघुव्यंग्य – कष्ट के पीछे

कोर्ट के आदेश के उपरांत नगर की ट्रैफिक पुलिस बिना हेलमेटधारी दोपहिया वाहन चालकों के प्रति हरकत में आ गई थी |उन्हें जबरिया पकड़कर कार्यवाही कराती या फिर उनके साथ चलाकर उन्हें दूकान से हेलमेट खरीदने हेतु बाध्य कर रही थी | उनकी ड्यूटी स्थल ज्यादातर उन स्थानों पर होता जहां दुकानों में हेलमेट इत्यादि आसानी से उपलब्ध थे |
  हमने ट्रैफिक पुलिस के एक जवान मित्र से पूछा – ‘’ आप चालकों को दुकानदार के पास पकड़कर ले जाते हैं अच्छा यही हो कि उनकी गलती पर सीधे तैर पर जुर्माना ठोंककर कार्यवाही कर दीजिये ... फालतू में अपना टाइम वेस्ट करते हैं ... और दुकानदार तक जाने की जहमत उठाते हैं ?’’
‘’ हम पुलिस वालों के लिए टाइम वेस्ट ... जहमत ?  ‘’ वे हंसते हुए बोले –‘’ अरे भाई अगर आरोपी तत्काल हेलमेट खरीद लेता है तो हमारा कमीशन दुकानदार से बन जाता है ... वरना उसका चालान तो बनायेंगे ही | वे आगे बोले – ‘’ अपन पुलिस वाले हर कष्ट के पीछे अपनी जेब गरम कृत्र ही हैं मेरे भाई |’’


सुनील कुमार ‘सजल’’ 

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