लघुव्यंग्य-वह
" देख तो बे उसे, साली जब इधर से गुजरती है मेरी नजर उसके कूल्हे पर ही टिक जाती है।"
" अबे वह कूल्हे नहीं मटकाती बल्कि उसके पाँव में तकलीफ है इसलिए वह ऐसा चलती है..।"
" अबे तू ऐसे बता रहा है ,जैसे तेरा और उसका परिचय हो...।"
"परिचय की बात नहीं है ,कल मैं जिस क्लीनिक में इलाज कराने गया था वह भी आयी थी अपने पाँव का इलाज कराने समझा..।"
" देख तो बे उसे, साली जब इधर से गुजरती है मेरी नजर उसके कूल्हे पर ही टिक जाती है।"
" अबे वह कूल्हे नहीं मटकाती बल्कि उसके पाँव में तकलीफ है इसलिए वह ऐसा चलती है..।"
" अबे तू ऐसे बता रहा है ,जैसे तेरा और उसका परिचय हो...।"
"परिचय की बात नहीं है ,कल मैं जिस क्लीनिक में इलाज कराने गया था वह भी आयी थी अपने पाँव का इलाज कराने समझा..।"
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