रविवार, 4 फ़रवरी 2018

लघु कथा-न्याय

लघु कथा- न्याय
यूँ तो वह थाने में आने वाली रेप पीड़िताओं के साथ कभी न्याय करता नजर नहीं आया । अक्सर पीड़िताओं को उसकी दबंगई के चलते दुत्कार ही मिली 
पिछले माह की घटना है । इलाके किसी गुंडे ने उसकी बिटिया का अपहरण कर बलात्कार कर दिया । अपने प्रयास से हारा वह अपने ही विभाग के कई दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते थक गया । मगर न्याय के आस के लिए अपने ही विभाग के कान बहरे बने पड़े हैं । आँखे खुली हैं मगर कुछ दिख नहीं रहा है । आश्वासन, विचार, जांच, घोषणाओं  के चौखट पर नाक रगड़ता रोटीबिलखता उसका दंभ 

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