व्यंग्य -अभियान
एक स्वयंसेवी संस्था ने नशे के विरोध में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाने हेतु शासन से सहायता राशि प्राप्त ली । गाँव दर गाँव अभियान प्रारंभ हुआ।
रात के लौटते समय एक ढाबे में खाना खाने बैठे संस्था के अध्यक्ष सहित ८-१० लोग आपस में कर रहे थे , ''चलो इस क्षेत्र के आठ गाँवों के लोंगो कसम खाकर दारू से मुंह मोड़ लिया है । अब कल से उत्तरी क्षेत्र के गाँवों में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर सफलता पानी है । ''
'' सफलता तो मिलेगी पर मैं आज कुछ ज्यादा ही थक गया हूँ । '' एक सदस्य कहा ।
'' तो क्यों न अध्यक्ष जी..... !'' दूसरे ने कहा ।
'' हाँ ! ठीक है । आखिर इतनी मेहनत कर हैं रात को चैन से खाएं - पीएं भी नहीं तो क्या करें । ''
अध्यक्ष महोदय का आदेश मिलते ही बैरा सभी सदस्यों सामने गोश्त की प्लेटें और इंग्लिश वाइन की बोतलें लगाने लगा ।
कट -कट की आवाज के साथ वाइन की बोतलें के ढक्कन खुलने लगे । गुलाबी स्वाद के साथ अगली रणनीति चर्चा लोग प्लेट पर प्लेट सरका रहे थे ।
एक स्वयंसेवी संस्था ने नशे के विरोध में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाने हेतु शासन से सहायता राशि प्राप्त ली । गाँव दर गाँव अभियान प्रारंभ हुआ।
रात के लौटते समय एक ढाबे में खाना खाने बैठे संस्था के अध्यक्ष सहित ८-१० लोग आपस में कर रहे थे , ''चलो इस क्षेत्र के आठ गाँवों के लोंगो कसम खाकर दारू से मुंह मोड़ लिया है । अब कल से उत्तरी क्षेत्र के गाँवों में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर सफलता पानी है । ''
'' सफलता तो मिलेगी पर मैं आज कुछ ज्यादा ही थक गया हूँ । '' एक सदस्य कहा ।
'' तो क्यों न अध्यक्ष जी..... !'' दूसरे ने कहा ।
'' हाँ ! ठीक है । आखिर इतनी मेहनत कर हैं रात को चैन से खाएं - पीएं भी नहीं तो क्या करें । ''
अध्यक्ष महोदय का आदेश मिलते ही बैरा सभी सदस्यों सामने गोश्त की प्लेटें और इंग्लिश वाइन की बोतलें लगाने लगा ।
कट -कट की आवाज के साथ वाइन की बोतलें के ढक्कन खुलने लगे । गुलाबी स्वाद के साथ अगली रणनीति चर्चा लोग प्लेट पर प्लेट सरका रहे थे ।