लघुकथा -
मूल्य
गरीब सुखिया का लड़का बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट –
डिविजन में पास हुआ तो पूरे मोहल्ले में हाय तौबा मच गई |
‘’ये क्या सुखिया का लड़का फर्स्ट-डिविजन...|न
ट्यूशन, न कोचिंग की...| अब देखो न अपनी औलादों को , इतने कोचिंग, ट्यूशन, गाइड
पढ़ने के बावजूद सेकेण्ड या थर्ड डिविजन में पास हो रहे हैं... साले सुखिया के लडके
ने परीक्षा मरण जरूर नक़ल की होगी ...|’’
मोहल्ले
की महिलाओं में ‘’ परीक्षा परिणाम ‘’ परिचर्चा पर सुखिया के लडके की प्रगती का कोई
मूल्य नहीं दिख रहा था |
सुनील
कुमार ‘’सजल’’