लघुव्यंग्य – आधुनिक रक्षक
मोहल्ले में एक लड़की को किसी बाहरी युवक ने छेड़ दिया | पास लड़कों से रहा न
गया | वे उस पर टूट पड़े | जमकर मरम्मत कर डाली उसकी |उन्हीं लड़कों में गुण्डा टाइप
दिखने वाला उस पर अपना गुस्सा उतारते हुए बोला –‘’ अबे स्साले तेरी हिम्मत कैसे
हुई उससे छेड़छाड़ करने की, तेरे घर में बहिन बेटी भी हैं या नहीं ? तुझे मालूम होना
चाहिए कि कोई उस पर नजर उठाकर देखने की
हिम्मत नहीं करता, सिवाय मेरे ....|
सुनील कुमार
‘’सजल’’