wheat लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
wheat लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

लघुकथा – दया

लघुकथा – दया
नयी फसल आ गयी थी | मैंने उनसे कहा – क्यों, भाई इस बार घर के लिए नया गेहूं नहीं खरीद रहे हैं? अभी सस्ते भाव में मिल रहा है |’
वे मुस्कुराते हुए बोले –‘नहीं भई साब |जब से आटा-चक्की लगवाई है, आप लोगों की दया से घर की जरुरत के लायक आटा, अपनी चक्की से निकल जाता है|

सुनील कुमार ‘’सजल’’