शनिवार, 4 अप्रैल 2015

लघुकथा - मूल्य


लघुकथा  - मूल्य

गरीब सुखिया का लड़का बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट – डिविजन में पास हुआ तो पूरे मोहल्ले में हाय तौबा मच गई |

‘’ये क्या सुखिया का लड़का फर्स्ट-डिविजन...|न ट्यूशन, न कोचिंग की...| अब देखो न अपनी औलादों को , इतने कोचिंग, ट्यूशन, गाइड पढ़ने के बावजूद सेकेण्ड या थर्ड डिविजन में पास हो रहे हैं... साले सुखिया के लडके ने परीक्षा मरण जरूर नक़ल की होगी ...|’’

  मोहल्ले की महिलाओं में ‘’ परीक्षा परिणाम ‘’ परिचर्चा पर सुखिया के लडके की प्रगती का कोई मूल्य नहीं दिख रहा था |

    सुनील कुमार ‘’सजल’’

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