बुधवार, 20 मई 2015

सूक्ष्म कथाएँ –


सूक्ष्म कथाएँ –
                 १.बच्चे
   ‘’तुम्हारे कितने बच्चे हैं?’’
   ‘’ पूरे छ:’’
   ‘’बाप रे ! इस फैमिली प्लानिंग के युग में भी |’’
   ‘’आपको नहीं मालूम क्या ? शासन की हर प्लानिंग आजकल भ्रष्टाचार की आवोहवा में फ़ैल हो जाती है |’’   

                     2ईच्छा
‘’ अगर तुमने मुझसे विवाह नहीं किया तो मै नदी  में कूद कर जान दे दूँगी |’’
‘’ ठीक है तुम ऐसा ही करो | मेरा भी मरना तय है |’’
  ‘’ पर तुम क्यों ?’’
 ‘’ मुझे वैसे  ही  कैंसर है |’’

            ३ घृणा
‘’ वेश्याओं से इतनी घृणा क्यों ?’’
‘’ क्योंकि वह कई पुरुषों से सम्बन्ध बनाकर अपने पेट की भूख मिटाती है |’’
‘’ मगर पुरुष भी तो कई वेश्याओं से सम्बन्ध बनाते हैं |’’

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