मंगलवार, 28 जुलाई 2015

लघुकथा- हार


लघुकथा- हार

पंचायत चुनाव में उनकी हार हुई तो किसी सज्जन ने उनसे पूछा ,’’ वर्मा जी , आपकी हार पर मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा है | लोग तो आपके व्यक्तित्व का गुणगान करते ही नहीं थकते थे | फिर भी आप...?’’
‘’ दोस्त , आजकल के मतदाता किसी के व्यक्तित्व पर नहीं बल्कि उसके धन और बल पर विशवास रखते हैं और यही दोनों चीजें मेरे पास नहीं थी ....|’’
वह सज्जन उनका उत्तर सुनकर गहन सोच की मुद्रा में पद गए |
 सुनील कुमार सजल  

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