लघुव्यंग्य-
क्योंकि
दोपहर
में दफ्तर से लौटते वक्त उन्हें रास्ते में पड़ी एक कीमती घड़ी मिल गयी | वे उसे
उठाकर घर ले आए | शाम के वक्त जब उन्हें एक नेता – मित्र मिले तो उनसे बोले- ‘’
रास्ते में आज मुझे घड़ी मिली | पर इसे धारण करने में मन हिचकिचाटा है | ‘’
क्यों ?’’
नेता मित्र ने पूछा |
‘’ जिस
किसी को भी होगी ... गम होने पर उसका दिल तो रोया होगा | फिर ऐसी प्राप्त चीजें
फलदायी नहीं होती | इसकी भरपाई कहीं न कहीं से हो जाती है |’’ उन्होंने कहा | ‘’
रुको...अगर तुम इसे नहीं रखना चाहते तो दे दो | अपने को हर दशा में हर चीज फलित
होती है क्योंकि अपन तो नेता हैं |
सुनील
कुमार ‘सजल’
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