गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

लघुकथा – शान्ति

लघुकथा – शान्ति

चिकित्सकों द्वारा मरीज को बचाने के सारे प्रयास विफल होते नजर आने लगे तो एक डाक्टर ने आकर मरीज के बेटे से कहा ,- ‘’ अब तो आपके पिताजी को भगवान ही बचा सकते हैं | हमारे सारे प्रयास विफल होते नजर आ रहे हैं , इसलिए आप अब भगवान से ही विनती कीजिए | शायद उनकी कृपा से...|’’
‘’ अब उनको बचाने के लिए भगवान से क्या विनती करें डाक्टर साब ...? वैसे भी वे अब पचहत्तर वर्ष के हो चुके हैं ..हम तो भगवान से सिर्फ इस बात कि ही विनती कर सकते हैं कि उन्हें शीघ्र ही इस दुनिया से उठा ले ताकि इस उम्र में उन्हें भी शान्ति मिले और हमें भी .....|’’
बेटे का सहजता से दिया गया जवाब सुनकर डाक्टर सन्न भाव से से खड़े उसका मुंह ताकते रह गए |

सुनील कुमार सजल 

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