शुक्रवार, 6 मई 2016

लघुकथा -बल्कि

लघुकथा  -बल्कि

वह शादी के दस साल बाद मां बनने जा रही थी | पड़ोसनों ने उससे से कहा –‘’ अगर लड़की हुई तो क्या करोगी ...|वैसे भी आजकल लड़की का जन्म होना माता-पिता के सिर पर पहाड़ टूटने के समान है |’’
‘’लड़की हो या लड़का......हमें तो संतान होने से मतलब है |’’ उसने सहजता से उत्तर दिया |
‘’ शायद इसलिए न कि इतने साल बाद मां बनने जा रही हो ...|’’एक ने कटाक्ष शैली में कहा |
‘’ इसलिए नहीं ...|’’ ‘ उसने भी उसी लहजे में जवाब दिया –‘’ ‘’ बल्कि इसलिए कि अगर लड़की हुई तो तुम्हारे लडके की तरह समाज का एक लड़का अधेड़ कुंवारा नहीं बना बैठा रहेगा और लड़का हुआ तो तुम्हारी लड़की की तरह ढलती उम्र में वर के लिए नहीं इंतज़ार करेगी .....| ‘’ उसका चुभता जवाब सुनकर बाकी महिलाएं एक –दूसरे का मुंह देखती रह गयीं |

   सुनील कुमार ‘’सजल’’ 

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