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शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

लघुकथा – परिभाषा

लघुकथा – परिभाषा

दोनों एक पत्रिका में छपी किसी महिला मॉडल की नग्न तस्वीर देखकर खुश हो रहे थे |तभी जंगलों में रहने वाली एक नौजवान आदिवासी युवती अर्ध्दनग्न पोशाक में सर पर लकड़ी का गट्ठर उठाए वहां से गुजारी |
उसे देखते ही राकेश बोला ,’’ अबे उस औरत को देख! क्या चीज है अरे , उसके उभार तो देख...!’’
 रम्मू ने एक नजर उठाकर उस लड़की की और देखा और बोला , ‘’ क्या बे , तू भी क्या कुत्ते की तरह जहां चाहे नजरें गडाने लगता है | अरे, इसे देख इसे...|’’ और इतना कहकर पत्रिका के चित्र की और पुन: उसका ध्यान खीचतें हुए स्वयं उस युवती पर नजर गड़ाकर बैठ गया |
राकेश समझ नहीं पा रहा था कि ‘’कुत्ते ‘’ की परिभाषा के प्रति दोनों में से किसका नजरिया सही है |
  सुनील कुमार ‘सज