लघुव्यंग्य -मेरा क्या
''जिसे तुम प्यार करती थीं , वह तो तुम्हें छोड़कर चला गया और तुम कुछ न कर सकी । '' सखी ने उससे कहा ।
'' मैंने जानबूझकर उसके खिलाफ कुछ भी नहीं किया । '' उसका मासूम उत्तर था ।
''क्यों?'' सखी ने प्रश्न किया ।
'' उसके बीबी-बच्चे थे...... आखिर उन्हें कौन अपनाता ।' कहा ।
'मगर तुम तो.........। ' सखी ने कहा तो उसकी बात काटते हुए वह स्पष्ट शब्दों में बोली -''मेरा क्या............ मैं तो कुंवारी हूँ । मुझे कोई न कोई अपना लेगा ...।
सुनील कुमार ''सजल''
''जिसे तुम प्यार करती थीं , वह तो तुम्हें छोड़कर चला गया और तुम कुछ न कर सकी । '' सखी ने उससे कहा ।
'' मैंने जानबूझकर उसके खिलाफ कुछ भी नहीं किया । '' उसका मासूम उत्तर था ।
''क्यों?'' सखी ने प्रश्न किया ।
'' उसके बीबी-बच्चे थे...... आखिर उन्हें कौन अपनाता ।' कहा ।
'मगर तुम तो.........। ' सखी ने कहा तो उसकी बात काटते हुए वह स्पष्ट शब्दों में बोली -''मेरा क्या............ मैं तो कुंवारी हूँ । मुझे कोई न कोई अपना लेगा ...।
सुनील कुमार ''सजल''