मंगलवार, 5 मई 2015

लघुव्यंग्य -मेरा क्या

लघुव्यंग्य -मेरा क्या
''जिसे   तुम प्यार करती थीं , वह तो तुम्हें छोड़कर चला गया और तुम कुछ न कर सकी । '' सखी ने उससे कहा ।
'' मैंने जानबूझकर उसके खिलाफ कुछ भी नहीं किया । '' उसका मासूम उत्तर था ।
''क्यों?'' सखी ने प्रश्न किया ।
'' उसके बीबी-बच्चे थे...... आखिर उन्हें कौन अपनाता ।' कहा ।
'मगर तुम तो.........। ' सखी ने कहा तो उसकी बात काटते हुए वह स्पष्ट शब्दों में बोली -''मेरा क्या............ मैं तो कुंवारी हूँ । मुझे कोई न कोई अपना लेगा ...
                                 सुनील कुमार ''सजल''

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