मंगलवार, 9 मई 2017

समय की बात – कुत्ते की मौत ...काश !

समय की बात कुत्ते की मौत ...काश !
पिछले दिनों सड़क किनारे खडी एक कुतिया किसी बड़े वाहन के चपेट में आ गयी | वहीँ उसका दम टूट गया | दूर कहीं खेल रहे उसके पिल्लै भी उस तक आ गए | उसके स्तन से लग कर दूध पीने लगे |दृश्य बड़ा दर्दनाक था | उसी समय उसे देखकर दो-तीन जवान कुत्ते भी आ गए |
एक ने कहा- ‘’ इसे कहते हैं कुत्ते की मौत ...| कुतिया तो दम तोड़ दी | पिल्लै अब स्तन चूसने में लगे हैं | इतने मानव लोग देखकर  गुजर रहे ...मगर देखकर ही बोल बतिया लेते हैं .. है कोई उनके मासूम पिल्लों के लिए चर्चा तक नहीं किया | काश यह किसी इंसान के साथ बीतता तो ...| चार लोग दौड़ जाते .. अस्पताल पहुचाते ... बच्चे को पुलिस या उसके रिश्तेदार को सौपतें ....|
‘’ मगर यह तो पड़ोस के एक घर में रहती पलती थी ...| दूसरे ने बीच में बोला  |
‘’ साला वह भी  दो तीन लोगों के साथ आया देखा ..और उसके बहते खून को देखकर थूककर चला गया |’’
‘’ साला .. अपने स्वार्थ व   वफादारी की उम्मीद तक ही इससे रिश्ता बनाकर रखा था | कुत्ता साला ...|’’
‘’ अबे उसे कुत्ता कौन कहेगा .. कुत्ते तो हम हैं जो ज़रा सा जूठन खाने को मिला नहीं कि खिलाने वालों के आगे दम हिलाने लगते हैं ... सुधर जाओ कुत्तों वरना इस कुतिया से बदतर मौत के साथ इस दुनिया से जाओगे ....| पहले ने अकड़कर जोर से भौकते हुए कहा |
                  सुनील कुमार ‘’सजल’’

                                            

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