रविवार, 10 मई 2015

लघुव्यंग्य –वही होगा


लघुव्यंग्य –वही होगा

पति –पत्नी आपस में बात कर रहे थे | इसी बीच पत्नी बोली – ‘’ 
शर्मा जी स्वर्ग सिधार गए | अब बेचारी दीदी व उनके दो बच्चों का क्या हाल होगा |बच्चे अभी ब्याहे नहीं हैं ... कैसे चलेगा घर का गुजर –बसर |
‘’’’ कुछ नहीं ..पेंशन के साथ-साथ अनुकंपा नियुक्ति भी मिलेगी उन्हें.....वे अपना मन उनमें बहला लेंगी |’’ पति ने सपाट उत्तर दिया |
‘’लेकिन बेटी ब्याह जाने से और अकेली महसूस करेंगी ...मन कि बेटे का विवाह भी कर देंगी ..पर वे तो अपने में मस्त रहेंगे |फिर क्या होगा बेचारी का |’’पत्नी ने गंभीर होते हुए कहा |
‘’ नया कुछ नहीं होगा ... वही होगा जो हमारे घर तुम्हें बहू बनाकर लाने के बाद मेरी मां का हाल हो रहा है ....|
पति ने पत्नी की ओर से बढ़ायी जा प्रश्नों की श्रृंखला को तोड़ते हुए कहा |
             सुनील कुमार ‘’सजल ‘’

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