समय
कीबात – समाज अंधविश्वास को पूजता है ....
गाँव के बगीचे में लगे किसी पेड़ से अचानक पानी का
रिसाव होने लगा | पेड़ मालिक ने अफवाह फैला दिया – ‘’ बगीचे के मंदिर में विराजी
देवी की कृपा से इस साल गाँव में बीमारी न फैले इसलिए मंदिर से सटे पेड़ से माता
रानी ने जल रूपी अमृत प्रसाद का रिसाव किया है | सभी देवी भक्त इसे ग्रहण कर रोग मुक्त
हों |’’
आस्थावान
लोगों की भीड़ लगने लगी |पेड़ से टपकते जल को पाने के लिए | भजन कीर्तन , पूजा पाठ का
माहौल बन गया | चढ़ोतरी चढने लगी |
अखरू ने
सुना तो वह भी पहुंचा पेड़ के नजदीक | उसे दो माह से टी.बीकी बीमारी है | अखरू को
भीड़ के नजदीक आते देख कुछ लोग चिल्लाने लगे –‘’ चल दूर हट | यहाँ छोटे बच्चे व
महिलायें हैं |तेरे मुख से उड़ाते कीटाणु इन्हें लग गए तो...| जा जब सब लोग चले
जाएँ तब लेना प्रसाद |‘’ पेड़ मालिक को भी लगा पेड़ के जल -प्रसाद के नाम पर आती
चढ़ोतरी को बट्टा ना लग जाए इसलिए वह भी भीड़ की आवाज में अपनी आवाज मिला दिया |
वह लोगों का
विरोध सुनकर दूर हटकर भीड़ ख़त्म होने का इंतज़ार करने लगा |
सुनील कुमार ‘’सजल’’