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गुरुवार, 1 जून 2017

समय कीबात – समाज अंधविश्वास को पूजता है ....


           समय कीबात – समाज अंधविश्वास को पूजता है ....
गाँव के बगीचे में लगे किसी पेड़ से अचानक पानी का रिसाव होने लगा | पेड़ मालिक ने अफवाह फैला दिया – ‘’ बगीचे के मंदिर में विराजी देवी की कृपा से इस साल गाँव में बीमारी न फैले इसलिए मंदिर से सटे पेड़ से माता रानी ने जल रूपी अमृत प्रसाद का रिसाव किया है | सभी देवी भक्त इसे ग्रहण कर रोग मुक्त हों |’’
   आस्थावान लोगों की भीड़ लगने लगी |पेड़ से टपकते जल को पाने के लिए | भजन कीर्तन , पूजा पाठ का माहौल बन गया | चढ़ोतरी चढने लगी  |
  अखरू ने सुना तो वह भी पहुंचा पेड़ के नजदीक | उसे दो माह से टी.बीकी बीमारी है | अखरू को भीड़ के नजदीक आते देख कुछ लोग चिल्लाने लगे –‘’ चल दूर हट | यहाँ छोटे बच्चे व महिलायें हैं |तेरे मुख से उड़ाते कीटाणु इन्हें लग गए तो...| जा जब सब लोग चले जाएँ तब लेना प्रसाद |‘’ पेड़ मालिक को भी लगा पेड़ के जल -प्रसाद के नाम पर आती चढ़ोतरी को बट्टा ना लग जाए इसलिए वह भी भीड़ की आवाज में  अपनी आवाज मिला दिया |
वह लोगों  का विरोध सुनकर दूर हटकर भीड़ ख़त्म होने का इंतज़ार करने लगा |

                  सुनील कुमार ‘’सजल’’

गुरुवार, 12 नवंबर 2015

लघुकथा – लक्ष्मी प्रतिष्ठा

लघुकथा – लक्ष्मी प्रतिष्ठा

महेश की शादी को तीन-चार दिन ही बचे थे कि अचानक उसके घर वालों को खबर मिली | उसकी मंगेतर दो-तीन पूर्व ही अपने प्रेमी के साथ घर से भाग गयी | अत: शादी निरस्त ही समझी जा रही थी |
यह खबर सुनकर महेश बहुत उदास था, साथ ही उसकी मां भी | लेकिन उसके पिताजी के चहरे पर उदासी का कोई भाव नजर नहीं आ रहा था | वे लान में बैठे महेश को समझाते हुए कह रहे थे |’’ सुनो बेटा , जो हुआ , अच्छा ही हुआ | अगर लड़की शादी के बाद घर छोड़कर अपने प्रेमी के साथ भाग जाती तो क्या समाज में हमारी नाक सेफ रहती ?’’
    महेश को पिताजी की बात समझ में आ गयी | वह इसे एक बुरा हादसा मानकर सामान्य हो गया  |
      अब महेश के पिता जी अपनी समझाइश का मस्का उसकी मां को लगाया , ‘’ देखो शीला , लड़की भागी तो भागने दो | महेश के लग्न में मिली मोटरसाईकिल ,रुपया और गहने , ये सब कुछ तो अपना ही हो गया न ! लड़की का बाप अब किस मुंह से अपने से बात करेगा .....|’’
   पिताजी की बातों ने मां के घावों पर भी मरहम का काम किया | वह अपने अन्दर से फूटे ख़ुशी के झरने को रोक नहीं पायी  , ‘’ काश! ऐसा रिश्ता अपने छोटे बेटे को भी मिल जाए तो अपने समाज में ‘’ लक्ष्मी प्रतिष्ठा ‘’ के मामलों में हम एक पायदान और ऊपर.......|

     सुनील कुमार ‘’सजल’’