शनिवार, 13 जनवरी 2018

लघुव्यंग्य - वह

लघुव्यंग्य-वह

" देख तो बे उसे, साली जब इधर से गुजरती है मेरी नजर उसके  कूल्हे पर ही टिक जाती है।"
" अबे वह कूल्हे नहीं मटकाती बल्कि उसके पाँव में तकलीफ है इसलिए वह ऐसा चलती है..।"
" अबे तू ऐसे बता रहा है ,जैसे तेरा और उसका परिचय हो...।"
"परिचय की बात नहीं है ,कल मैं जिस क्लीनिक में इलाज कराने गया था वह भी आयी थी अपने पाँव का इलाज कराने समझा..।"

गुरुवार, 1 जून 2017

समय कीबात – समाज अंधविश्वास को पूजता है ....


           समय कीबात – समाज अंधविश्वास को पूजता है ....
गाँव के बगीचे में लगे किसी पेड़ से अचानक पानी का रिसाव होने लगा | पेड़ मालिक ने अफवाह फैला दिया – ‘’ बगीचे के मंदिर में विराजी देवी की कृपा से इस साल गाँव में बीमारी न फैले इसलिए मंदिर से सटे पेड़ से माता रानी ने जल रूपी अमृत प्रसाद का रिसाव किया है | सभी देवी भक्त इसे ग्रहण कर रोग मुक्त हों |’’
   आस्थावान लोगों की भीड़ लगने लगी |पेड़ से टपकते जल को पाने के लिए | भजन कीर्तन , पूजा पाठ का माहौल बन गया | चढ़ोतरी चढने लगी  |
  अखरू ने सुना तो वह भी पहुंचा पेड़ के नजदीक | उसे दो माह से टी.बीकी बीमारी है | अखरू को भीड़ के नजदीक आते देख कुछ लोग चिल्लाने लगे –‘’ चल दूर हट | यहाँ छोटे बच्चे व महिलायें हैं |तेरे मुख से उड़ाते कीटाणु इन्हें लग गए तो...| जा जब सब लोग चले जाएँ तब लेना प्रसाद |‘’ पेड़ मालिक को भी लगा पेड़ के जल -प्रसाद के नाम पर आती चढ़ोतरी को बट्टा ना लग जाए इसलिए वह भी भीड़ की आवाज में  अपनी आवाज मिला दिया |
वह लोगों  का विरोध सुनकर दूर हटकर भीड़ ख़त्म होने का इंतज़ार करने लगा |

                  सुनील कुमार ‘’सजल’’

मंगलवार, 16 मई 2017

समय की बात – हां !आज

समय की बात – हां !आज
उनका स्वभाव था | अगर वे किसी परिवार में खाने के समय पर पहुंचते  और उनसे खाने के लिए कहा जाता तो न कर देते |एक बार वे अप[आने मित्र के यहाँ किसी काम से पहुंचे थे  परिवार के लिए भोजन का वक्त था | मित्र की पत्नी ने सोचा ,’’ चलो शर्मा जी को भी खाने को कह दिया जाए | वे तो वैसे भी मना कर देते हैं | दो शब्द बोलने में क्या हर्ज है |
   परन्तु आज जाने कैसे शर्मा जी ने हां में सर हिलाते हुए बोले – ‘’ आज तो खा लूंगा घर में मिट्टी का तेल ख़त्म हो जाने के कारण खाना नहीं पका सका |’’
शर्मा जी की हां पर पत्नी का माथा ठनका बुदबुदाते हुई बोली ‘’ आज फिर खाना पकाना पडेगा |’’
                  सुनील कुमार ‘’सजल’’
       

शुक्रवार, 12 मई 2017

समय की बात

           समय की बात
आदमी एटीएम , बैंक काउंटर , अधिकारी के शिकायत कक्ष , माता के दरबार में कतार में खडा बड़ा  शालीन व सभ्य  नजर आता है ,मगर भंडारा , मिटटी के तेल हेतु मार्केटिंग सोसायटी के सेल काउंटर में , मंगल कार्यक्रम के प्रीतिभोज में .....हा ..हा..हा.. हा .....?

                  सुनील कुमार ‘’सजल’’

गुरुवार, 11 मई 2017

समय की बात – महंगाई भत्ता

समय की बात महंगाई भत्ता
 इधर सरकार ने महंगाई भत्ता बढाया | सुनकर खबर मकान मालिक किरायेदार के पास आया | बोला- भाई जी , मकान किराये में मैं पांच प्रतिशत की वृद्धि करने जा रहा हूँ |’
‘’ लेकिन भाईसाब मकान किराया बढाए आठ महीने भी नहीं  हुए और आप फिर...|’’
‘’ सरकार आपका महंगाई भत्ता महंगाई वृद्धि दर अनुसार ही तो बढ़ाती हैं न .. अभी आपका महंगाई भत्ता सात प्रतिशत बढ़ा तो मैं पांच प्रतिशत की वृद्धि कर कौन सा बुरा कर रहा हूँ ...|’’
किरायादार प्रश्नवत...मूक दृष्टि ....!
            सुनील कुमार ‘’सजल’’