बात की बात –
प्रत्युत्तर
‘’ तुम एक सभ्य व संस्कारित घराने के लडके होकर भी हमेशा दूसरों
की आलोचना करते व झूठी बातों को महत्व देते हुए मिलते हो | तुम्हारी यह आदत ठीक नहीं
है | अपनी आदत में सुधार लाओ | ‘’ एक अधेड़ से व्यक्ति ने १८-१९ वर्षीय युवक को
डपटते हुए कहा |
‘’नहीं ला सकता अंकल|’’ उसने मुस्कराकर जवाब दिया |
‘’ क्यों ? ऐसी क्या मजबूरी है ?’’
‘’ मुझे एक सफल राजनीतिज्ञ जो बनाना है |’’
सुनील कुमार ‘’सजल’’